किस्से मेरी मोहब्बत के सुनायेगा कोई ओर पर हम ना होंगे.
चाहतो के चर्चे तो होंगे पर हम ना होंगे.
होगी फिर वही रात और वही होगी चाँदनी ,
बस उस चाँदनी के दीदार को हम ना होंगे.
होता अगर बस मे मेरे तो मोहब्बत उन्से भी करवा लेते ,
पर इस एहसास को जीने के लिए अब हम ना होंगे.
सोचा था अपना भी छोटा सा एक आशियाँ होगा ,
लम्हे होंगे , बातें होंगी ,
लम्हे तो होंगे तेरी जिंदगी मे येह सारे ,
बस उन लम्हो मे एक हम ना होंगे.
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