मेरे लफ़्ज़ों के पन्नो पे कुछ बात तोः है, यादों की सांसो से मुलाकात तोः है। कुछ नग्मे है ,कुछ किस्से है, कुछ अपनों को खोने के ज़ज़्बात तोः है। पल पल बदलती इस दुनिया में , कुछ अनजाने से एहसास तोः है। फिर क्यों रह जाती है अनकही बातें , और क्यों होती है अधूरी मुलाकातें। क्यों होती है शाम सूरज ढलने के बाद , क्यों बिचरते है लोग मिलने के बाद। क्यों हर मोहब्बत मुकम्मल नहीं होती, क्यों बेवफाई की कोई वजह नहीं होती। यूही नहीं मील जाते है लोग इस दुनिया में , उनके मिलने की वजह खुस खास तोह है। ढलता है सूरज हर शाम को लौट जाने को , क्यूंकि हर शाम के भी कुछ ज़ज़्बात तोः है। आज जो हम तुम साथ तोः है, कुछ यादें है , कुछ बातें है। कुछ अनकहे लफ़्ज़ों में सिमटे हुए पल , कुछ रिश्तों के अधूरे होने की बात तोह है। मेरे लफ़्ज़ों के पन्नो पे आज फिर से कुछ अनकही सी बात तोः है।
Sometimes all you need in life is a pause , sometimes all you want is a pause .Take a deep breath and have a conversation with your own self. Feel calmed and relaxed